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Thursday 5 January 2012

अफवाहों के पीछे कहीं मोबाइल ऑपरेटरों का तो हाथ नहीं?

* अफवाह फैलाने में मुख्य भुमिका निभाता है मोबाइल सिस्टम
* एसएमएस और कॉल के जरिए सरपट दौड़ती है अफवाह
* एक अफवाह पर मोबाइल कंपनियों की हो जाती है करोड़ों की कमाई
"प्रलय-2012" के नाम पर इंसानों का पत्थर का बन जाना हो या फिर देवी देवताओं का दूध पीना अथवा भूकंप आने की अफवाह, हर अफवाह में मोबाइल की अहम भूमिका होती है, जिससे रातों ही रात मोबाइल कंपनियों को करोड़ों का फायदा हो जाता है, जिसको देखकर आशंका उत्तन्न होती है कि इस तरह की अपवाह के पीछे कहीं मोबाइल कम्पनियों अथवा ऑपरेटरों की तो कोई शरारत नहीं होती?
मोबाइल पल भर में तमाम ऐसी अफवाहों को दूर-दराज तक पहुंचा देती है। हाल ही में "प्रलय 2012" के नाम पर एक अफवाह प्रसारित की गई, जिसमें मोबाइलों पर एसएमएस जारी किए गए कि जो प्रलय के चलते इंसान पत्थर के बनते जा रहे हैं। लोगों तक जैसे ही ये अफवाह पहुंची, वैसे ही उन्होंने इस ठिठुरती ठंड़ में रजाई छोड़ आंगन और सड़क की ओर रूख कर लिया। एक के बाद एक करके इस तरह के अफवाह के मैसेज और कॉल मोबाइल द्वारा कुछ ही देर में देश भर में फैल गए, जिससे मोबाइल कंपनियों की जमकर चांदी हुई और उन्होंने रात भर में करोड़ों रुपए का बिजनेश किया। ऐसी तमाम अफवाहों में मोबाइल की अहम भूमिका होने के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह की अफवाहों में मोबाइल कंपनियों/ऑपरेटरों का हाथ होता है।

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