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Saturday 4 February 2012

अनोखी पहल

भष्टाचार के खिलाफ जंहा एक और अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने एक मुहीम चलायी हुयी है वंही  भष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए एक हजार आठ युवको ने सामूहिक रूप से अपने सर मुंडवाकर एक अनोखी पहल का बिगुल बजा दिया है उनका कहना कहना है की दिमाग से ही  भष्टाचार की जड़े पनपती है इस लिए हमने सर मुंडवाकर  भष्टाचार की जड़ो को ही साफ कर दिया है |
मुज़फ्फरनगर के चरथावल विधान सभा में एक अलग ही नजारा देखने को मिला  दरअसल मानवतावादी मंच और चरेथावल विधानसभा छेत्र के प्रत्यासी तपेन्द्र कुमार ने अपने एक हजार आठ कार्यकर्ताओ के साथ भष्टाचार को ख़त्म करने के लिए
सामूहिक रूप से सर मुंडवाकर एक अभियान छेड़ दिया है तपेन्द्र का कहना है की आज वर्तमान में जो राजनीती है वह ठीक नहीं है हम एक नयी साफ सुथरी राजनीती का आगाज क़र रहे है हमारा मुद्दा है की दवाई सिंचाई और पढाई एक सामान हो साधन सहित और मुफ्त हो आज राजनीती में भष्टाचार फैला हुआ है हमने एक नयी पहल की है वो भी भष्टाचार के खिलाफ | वन्ही उनका कहना है की भष्टाचार हमारे दिमाग से चलता है और आज इसलिए ही मेने और हमारे एक हजार आठ कार्यकर्ताओ ने अपने सर मुंडवाए है हम सबी ने सर पर एक भी बाल नहीं छोड़ा है क्योकि अगर सर मुन्दवाते समय एक भी बाल सर पर रहता है तो भष्टाचार की जड़े पनपने लगती है | हम लोग एक नै पहल के चलते देश में फैले भष्टाचार और गरीबी को दूर करने के लिए चुनाव लड़ रहे है  | हम लोग जात बिरादरी के भेदभाव को नहीं मानते और दहेज़ रहित विवाह करते है समाज में फैली बुराईयों को दूर करने के लिए हम राजनीती के तहत कार्य क़र करे है हम किसी के घर का खाना पीना भी नहीं करते और इस लिए ही हम चुनाव प्रचार के दोरान अपने घर से ही खाना लेकर चलते है और घर घर जाकर वोट मांगने के साथ भष्टाचार को जड़ से ख़त्म करने के लिए मतदाताओ को जागरूक करते है मुज़फ्फरनगर में सामूहिक सर मुंड़ाने की प्रथा भले ही हास्य लगे मगर इन नोजवानो की यह अनोखी पहल देश में फैले भष्टाचार को दूर करने का अनोखा तरीका सायद उन भष्ट नेताओ तक जरुर पहुंचे जो सर से लेकर पांव तक भष्टाचार के दलदल में फंसे हुए है अब देखना यह होगा की मानवतावादी मंच पढाई ,दवाई और सिंचाई एक सामान मुफ्त हो के मुद्दों पर मतदाताओ से किये गए वादों पर कितना खरा उतार पाता है | ये तो आने वाला समय ही बतायेगा |

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